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मंगलवार, फ़रवरी 28, 2012
पास अपने रौशनी काफी नहीं तो क्या हुआ
पढ़िए वटवृक्ष पर प्रकाशित मेरी ग़ज़ल
* * * * *
1 टिप्पणी:
virendra sharma
ने कहा…
padh nahin paaye link nahin khulaa ,kismat me n thaa padhen aapkaa likhaa ...
1 मार्च 2012 को 6:55 pm बजे
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1 टिप्पणी:
padh nahin paaye link nahin khulaa ,kismat me n thaa padhen aapkaa likhaa ...
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