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मंगलवार, नवंबर 29, 2011
औकात (कविता)
पढ़िए नव्या में प्रकाशित कविता औकात
* * * * *
1 टिप्पणी:
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
ने कहा…
आज मचाई
मंच
पर, कुछ लिंकों की धूम।
अपने चिट्ठे के लिए, उपवन में लो घूम।।
30 नवंबर 2011 को 7:23 am बजे
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1 टिप्पणी:
आज मचाई मंच पर, कुछ लिंकों की धूम।
अपने चिट्ठे के लिए, उपवन में लो घूम।।
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